जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच औंधे मुंह खुले भारतीय बाजार, Sensex-Nifty में भारी गिरावट

Sensex-Nifty: जब सुबह की शुरुआत उम्मीदों के साथ हो और अचानक एक खबर हर दिशा बदल दे, तो मन में चिंता होना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही हुआ सोमवार सुबह भारतीय शेयर बाजार के साथ, जहां सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे रंग की बजाय गहरे लाल रंग में ट्रेडिंग की शुरुआत की। इसके पीछे कारण था अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव, जिसने ग्लोबल बाजारों को भी हिला कर रख दिया।

US-ईरान तनाव ने उड़ाई निवेशकों की नींद

जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच औंधे मुंह खुले भारतीय बाजार, Sensex-Nifty में भारी गिरावट

बीते वीकेंड अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की जिसे “Operation Midnight Hammer” नाम दिया गया। इस घटना ने मध्य-पूर्व में तनाव को एक बार फिर गंभीर बना दिया है और निवेशकों में डर और अनिश्चितता बढ़ा दी है। नतीजा ये हुआ कि बाजारों में बिकवाली का माहौल बन गया।

सेंसेक्स और निफ्टी की चाल ने खड़े किए सवाल

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 645 अंक गिरकर 81,762.8 पर आ गया, जबकि निफ्टी ने 189 अंकों की गिरावट के साथ 24,923.3 का स्तर छुआ। ये गिरावट क्रमशः 0.78% और 0.75% रही, जो यह दिखाती है कि निवेशकों ने भारी स्तर पर मुनाफा वसूली की है और सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख किया है।

हर सेक्टर में छाई मायूसी, मिडकैप-स्मॉलकैप भी नहीं बचे

Nifty के सभी 13 प्रमुख सेक्टर आज लाल निशान में खुले। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी करीब 0.6% की गिरावट देखने को मिली। इससे साफ है कि सिर्फ लार्जकैप ही नहीं, बल्कि समूचे बाजार में डर का माहौल है। निवेशकों ने सोना, डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड्स जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में अपनी पूंजी ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है।

कच्चे तेल की कीमतें पांच महीने की ऊंचाई पर

इतनी बड़ी गिरावट के पीछे एक और वजह है कच्चे तेल की कीमतें। कच्चा तेल इस समय लगभग पांच महीने की सबसे ऊंची कीमत पर ट्रेड कर रहा है। इससे भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए महंगाई की चिंता बढ़ जाती है, जिससे मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं कमजोर हो जाती हैं।

IT सेक्टर को भी लगा झटका, एक्सेंचर के शेयरों की बिकवाली का असर

ग्लोबल IT सेक्टर को भी इस गिरावट का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह बनी Accenture के शेयरों में आई अचानक बिकवाली। इसका सीधा असर भारतीय IT शेयरों पर भी पड़ा और उनमें भी दबाव देखा गया।

अब बाजार का रास्ता कहां जाएगा

विश्लेषकों का मानना है कि अब Sensex के लिए 82,000 का स्तर एक मजबूत रेजिस्टेंस है, जबकि 81,500–81,700 का जोन महत्वपूर्ण सपोर्ट बना हुआ है। वहीं Nifty के लिए 24,900 पर सपोर्ट और 25,000–25,100 के बीच रेजिस्टेंस रहेगा।

इसके अलावा Rupee की चाल, FII (विदेशी निवेशकों) की स्थिति, और ईरान की ओर से आने वाली प्रतिक्रियाएं अगले कुछ घंटों में बाजार की दिशा तय करेंगी।

निवेशकों के लिए क्या है अगला कदम

जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच औंधे मुंह खुले भारतीय बाजार, Sensex-Nifty में भारी गिरावट

यह समय धैर्य का है। जो निवेशक लॉन्ग टर्म में हैं, उन्हें इस गिरावट को डर की नहीं, मौके की तरह देखना चाहिए। वहीं शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्कता बरतनी चाहिए और तेल की कीमतों, विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें प्रस्तुत आंकड़े और विश्लेषण बाजार स्रोतों और विशेषज्ञ विचारों पर आधारित हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।

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